नारंगी की बागवानी से खुशहाल हो रहे किसान, एक सीजन में कर रहे ₹70 हजार की कमाई
Success Story: एक पौधे से प्रत्येक वर्ष 7 से 10 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है. पिछले साल थोक भाव में 25 रुपये की एक नारंगी बिकी तो 70 हजार रुपये की आमदनी हुई.
Success Story: केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बागवानी को प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं. साथ ही, किसानों को बागवानी के लिए सब्सिडी भी दे रही है. बिहार के शेखपुरा जिला के बरबीघा प्रखंड के आधा दर्जन गांवों में किसान नारंगी की बागवानी (Orange Farming) कर रहे हैं और उसके फल से सालाना अच्छी आमदनी कर रहे हैं.
नारंगी के लिए नागपुर प्रसिद्ध है, लेकिन नारंगी की बागवानी बिहार में हो तो यह थोड़ा चौंका देता है. पूजा-पाठ में नारंगी का फल चढ़ाने की परंपरा है. इस वजह से इसकी बिक्री ऊंची कीमत पर होती है. बिहार के कई गांवों इसकी बावागनी हो रही है. बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, शेरपुर गांव में इसकी बागवानी कई वर्षों से हो रही है.
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए खुशखबरी! यहां इस दिन से शुरू होगी मोटे अनाज, धान की खरीद, ऐसे बुक करें स्लॉट
इस तरीके से लगाएंगे नारंगी के बाग तो जल्द आएंगे फल
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नारंगी की बागवानी (Orange Farming) किसानों के लिए लाभदायक है, लेकिन किसान आधुनिक खेती से नहीं जुड़े हैं. यहां के किसान बीज से पौधा तैयार कर उससे बागवानी कर रहे हैं जिससे 8 से 10 साल फल आने में लग जाते हैं. इससे समय बर्बाद होता है. अगर गुट्टी विधि से पौधा तैयार कर किसान खेत में बागवानी करें तो अगले वर्ष से ही फल आना शुरू हो जाएगा. किसानों को समय-समय पर कीटनाशक इत्यादि का भी इस्तेमाल करना चाहिए. पौधे में बीमारी की देखभाल भी आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से किसान नहीं कर पा रहे.
कितनी हो रही कमाई
किसान मुन्ना महतो के मुताबिक, उनके चाचा ने भी नारंगी का बागवानी की. दो दर्जन पौधे लगाए. इस समय 6 पेड़ बचे हैं. इससे प्रति वर्ष 3 से 5 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है. 25 पेड़ का नया बगीचा तीन साल पहले वे लगाए हैं. वहीं, विनोद प्रसाद और चंद्रमौली महतो ने भी नारंगी का बागवानी शुरू की है. चंद्रमौली प्रसाद 100 से अधिक नारंगी के पेड़ लगाए हैं. पुनेसरा गांव में भी किसान द्वारा नारंगी की बागवानी की जा रही है. समय-समय पर खरपतवार को निकालने के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों की निगरानी भी करनी पड़ती है.
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए खुशखबरी! समय पर लोन का किस्त चुकाने पर होगा लाखों का फायदा, जानिए कैसे
एक पौधे से प्रत्येक वर्ष 7 से 10 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है. पिछले साल थोक भाव में 25 रुपये की एक नारंगी बिकी तो 70 हजार रुपये की आमदनी हुई. इस वर्ष 15 रुपये कीमत है तो आमदनी कम होगी. एक कट्ठे में 10 पेड़ लग जाते हैं. नारंगी की बिक्री आसपास के बाजारों में की जाती है. आमदनी देख कई अन्य किसानों का भी इस और रुझान बढ़ा है.
04:40 PM IST